Wednesday, September 24, 2014

शक्ति पूजा

           प्रार्थना 
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मेरी शक्ति को खा जाते हैं ,

भाग्य चक्र ,संयोग ,नियति 

काल डसते हैं और मृत्यु सहमा जाती है 

इसलिये हे शक्ति !  हम तुम्हारा आहवान

करते हैं 

तुम आओ ,मुझमे समाओ ,

आशंकाओ को दूर भगाओ। 

भय को ध्वस्त करो ।

हमारी शक्ति की एक सीमा है  

तुम्हारी शक्ति की कोई सीमा नहीं ,

जिंदगी के मँझधार मेँ फसे हम 

तुम्हारा आहवान  करते हैं। 

भाग्य ,संयोग की लड़ियों से मुक्त कर 

हम मेँ  नवजीवन का संचार करो 

हे शक्ति! हम तुम्हारा आहवान  करते हैं,

हे शक्ति ! हम तुम्हेँ नमस्कार करते हैं। 

- सीमा श्रीवास्तव







6 comments:

  1. नमोस्तुते

    जिंदगी के मँझधार मेँ फसे हम
    तुम्हारा आहवान करते हैं।
    भाग्य ,संयोग की लड़ियों से मुक्त कर
    हम मेँ नवजीवन का संचार करो
    हे शक्ति! हम तुम्हारा आहवान करते हैं,
    हे शक्ति ! हम तुम्हेँ नमस्कार करते हैं।

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  2. नवरात्र की ढेर सारी शुभकामनाये मधु दीदी....,धन्यवाद....:)

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  3. जो तूफानों में दीया जलाते हैं, जो काँटों में राह बनाते हैं, ऊंचे पर्वत जिनको रोक न पाते, जो आशा के गीत सुनाते हैं, धरती की छाती तोड़-फोड़ फसल उगाने का साहस जिनमे, जो अग्नि-शिखा पर फूल खिलाने चलते जाते, चढ़ते जाते, बढ़ते जाते - मस्ती के ऐसे दीवानों को "माता" गले लगाती है. - आपकी सुन्दर अभिव्यक्ति के साथ-साथ नवरात्र की हार्दिक बधाई!

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    1. Vaah!...bahut badhiya baat kahi aapane..Manoj ji..Thanks a lot...:)

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  4. aapko bhi shakti -prv ki hardik sahubhkaanaye .....sundar rachna

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