Seema Kee Lekhanee
Monday, September 22, 2014
रिश्ते
रिश्ते
.......................
बहुत सहलाया कुछ
रिश्तो को हमने
समेट लिया हाथो को
जब ये दुखने लगे
अपनी नींद भी तो
पूरी करनी है सीमा
छोड़ो अब दूसरे
सोये या जगे!
सीमा श्रीवास्तव
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