खुशियाँ हर दिन अलग ,अलग लिबास में आती हैँ ।
Saturday, November 7, 2015
हीर
उसे हीर से
बेपनाह मुहब्बत थी!
बेपनाह मुहब्बत थी!
वह हर दिन मुझे उसी
नीले सिल्क के कुरते में
नजर आता ।
नीले सिल्क के कुरते में
नजर आता ।
साफ सुथरी ,
चमचमाती ।
चमचमाती ।
पता चला
जुदा होने से पहले
हीर सौंप
गईं थी उसे
ये ( कुरता)
यादों की
अमानत !!
और
उसे एक पल भी
मंजूर ना था
उसकी यादों से
दूर रहना !!
जुदा होने से पहले
हीर सौंप
गईं थी उसे
ये ( कुरता)
यादों की
अमानत !!
और
उसे एक पल भी
मंजूर ना था
उसकी यादों से
दूर रहना !!
- सीमा
पौधा
अपने आसपास
तेजी से ऊँचाई की ओर बढ़ते
पौधों को देख
एक पौधा जरा सा
चबरा गया !
तब धरा ने उसे समझाया
"इन जंगली पौधों की
ऊँचाई पर मत जाओ
तुम अपने गुणों को देखो
तुम्हारी एक निश्चित रफ्तार है !
कि तुममें कितने ही
फूलों और फलों का संसार है!!"
- सीमा
Subscribe to:
Posts (Atom)