कोई भरता है भय,
कोई देता है स्नेह,
कोई बेचैन करता
कोई दूर से ही
दुआ करता,
अपना स्नेहिल स्पर्श भेजता।
बिन बोले सब सुन लेता,
बिन कहे प्रेम करता,
हमें अपना समझता
पर चुपचाप रहता।
- सीमा
कोई भरता है भय,
कोई देता है स्नेह,
कोई बेचैन करता
कोई दूर से ही
दुआ करता,
अपना स्नेहिल स्पर्श भेजता।
बिन बोले सब सुन लेता,
बिन कहे प्रेम करता,
हमें अपना समझता
पर चुपचाप रहता।
- सीमा
प्रेम आसमान में
उगे सितारों की बुनावट है,
प्रेम भोर में आँखें मलते
सूरज का प्यारा मुखड़ा है,
प्रेम नदियों की मौज है,
सागर की लहरें हैं,
फूलों की सुगंध है,
हवाओं की नमी है
पेड़ो की हरियाली है
अमलताश, गुलमोहर, पलाश है प्रेम
कुछ अजीब सा एहसास है प्रेम
महसूस करना तुम्हारे आसपास है प्रेम!
ये क्या हुआ कि
सारा वजूद सिमट गया है
एक जगह ही!
ये क्या हुआ कि
मैं होकर भी हूँ नहीं कहीं!
ये क्या हुआ कि
जिसे देखना चाहा छू के
वो सच में कोई था ही नहीं!
ये क्या हुआ कि
जिंदगी मेरी होकर भी
रही तेरे पास ही!
- सीमा श्रीवास्तव