Saturday, June 17, 2017

कोई भरता भय

कोई भरता है भय,
कोई देता है स्नेह,
कोई बेचैन करता

कोई दूर से ही
दुआ करता,
अपना स्नेहिल स्पर्श भेजता।
बिन बोले सब सुन लेता,
बिन कहे प्रेम करता,
हमें अपना समझता
पर चुपचाप रहता।
- सीमा

Wednesday, June 14, 2017

प्रेम

प्रेम आसमान में
उगे सितारों की बुनावट है,

प्रेम भोर में आँखें मलते
सूरज का प्यारा मुखड़ा है,

प्रेम नदियों की मौज है,
सागर की लहरें हैं,
फूलों की सुगंध है,
हवाओं की नमी है
पेड़ो की हरियाली है
अमलताश, गुलमोहर, पलाश है प्रेम
कुछ अजीब सा एहसास है प्रेम
महसूस करना तुम्हारे आसपास है प्रेम!

Sunday, June 4, 2017

ये क्या हुआ

ये क्या हुआ कि
सारा वजूद सिमट गया है
एक जगह ही!
ये क्या हुआ कि
मैं होकर भी हूँ नहीं कहीं!
ये क्या हुआ कि
जिसे देखना चाहा छू के
वो सच में कोई था ही नहीं!
ये क्या हुआ कि
जिंदगी मेरी होकर भी
रही तेरे पास ही!
- सीमा श्रीवास्तव