काश ऐसा होता
……………………
काश ऐसा होता कि
किसी अच्छे पल के साथ
ठहर जाते हम
उसे थाम के रखते ,
वहीं होती हमारी दुनिया
रच बस जाते हम वहीं।
फिर चल देते एक दिन वहॉ से
उस परम दुनिया में और
ईश्वर को सुनाते
उसकी प्यारी दुनिया की
मीठी मीठी बातें
कि नहीँ होती हमारे पास
कोई कड़वी कहानी
दर्द ,घाव ,निराशा
होती बस आशा ही आशा
और जिंदगी जीने की लालसा
तब फिर से इस दुनिया में
आने की ललक होती!
सीमा श्रीवास्तव
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काश ऐसा होता कि
किसी अच्छे पल के साथ
ठहर जाते हम
उसे थाम के रखते ,
वहीं होती हमारी दुनिया
रच बस जाते हम वहीं।
फिर चल देते एक दिन वहॉ से
उस परम दुनिया में और
ईश्वर को सुनाते
उसकी प्यारी दुनिया की
मीठी मीठी बातें
कि नहीँ होती हमारे पास
कोई कड़वी कहानी
दर्द ,घाव ,निराशा
होती बस आशा ही आशा
और जिंदगी जीने की लालसा
तब फिर से इस दुनिया में
आने की ललक होती!
सीमा श्रीवास्तव
इस खूबसूरत सपने को पढकर बस एक शब्द कहा जा सकता है -- आमीन!
ReplyDeleteआमीन...,धन्यवाद संजय जी...
ReplyDeleteवाह...आ चल के तुझे मै ले के चलूँ किसी ऐसे गगन के तले...जहाँ प्यार ही प्यार पलेः)
ReplyDeleteमेरी कविता के लिये इससे बडी बात क्या होगी कि इसे पढकर आपको एक बहुत ही प्यारा गीत याद आ गया..।बहुत बहुत धन्यवाद दीदी....:)
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