Friday, November 14, 2014

दुआ


कभी कभी आ तो जाती हूँ 
तेरे दर पर चल के
पर दुआओ के लिये
नहीं उठते ये हाथ
बस यूँ  ही एक टक
देखती हूँ  तुम्हे...
कि तू देख रहा है
कि नहीं देख रहा..!!
.
- सीमा श्रीवास्तव 
 हमेशा दुआएं मांगते रहिये..कभी ना कभी तो ये जरूर कबूल होंगी और खुद से ज्यादा दूसरो के लिये मांगिए और फिर देखिये उसका असर..  ...

7 comments:

  1. बहुत सुन्दर।

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  2. बहुत सुन्दर...उम्दा और बेहतरीन प्रस्तुति के लिए आपको बहुत बहुत बधाई...
    नयी पोस्ट@आंधियाँ भी चले और दिया भी जले

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  3. वो देखता है सब को ... सोचता है हर उठे हाथ के बारे में ...

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  4. This comment has been removed by the author.

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