Friday, November 21, 2014

साजिश


1
  तुम्हारी साजिशो की
गिरफ्त में नहीं आ सकती मैं
कि आईने लगा रखे हैं मैंने
चारों तरफ....
सीमा श्रीवास्तव..

2
ये साजिशो की गलियॉ हैं
कदम रखना सोच समझ से..
कब कौन गटक जायेगा..
चकमे देकर और ठग के...

सीमा श्रीवास्तव....

3
मुकदर में रूसवाई ही
लिखी थी,लो..
सपने भी साजिश कर गए
जुदा करने की.....

सीमा श्रीवास्तव

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