कभी कभी बहुत खुशी भी
अचानक उदास कर जाती है हमें,
हॉ , खुशियों के नीचे जब
दब जाता है ढेर सारा गम
तो वह कराह उठता है दर्द से,
एहसास दे जाता है अपने दबे होने का,
यूं भी खुशियॉ बहुत
हल्की होती हैं
कब छू हो जाती हैं पता भी नहीं लगता
और गम भारी होने से
दबता चला जाता है
गहराई में दिल के अंदर
बहुत अंदर.....
सीमा श्रीवास्तव..
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