Friday, December 5, 2014

कतरन

(1)

कुछ कतरनो को 

सहेज के रखना जरूरी था..,

कि जाने कब कहॉ  

 पैबंद  लगानी पडे...

(2)

जिंदगी कभी भी..

चुका लेती है अपनी कीमत,

हर एहसान
का
  हिसाब किताब

 कर लो  साफ !!

-  सीमा श्रीवास्तव......



2 comments:

  1. मन का पैराहन तार तार हो जाता है और ज़ख़्मों पर अपनी जीभ भेरनी पड़ती है ।

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  2. Sahi kaha aapne Haridev ji...,dhanyawaad..

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