Wednesday, July 15, 2015

जिंदगी

यूँ ही 
कुढ़ते - भूनते

ख़त्म हो 
जाती है 
जिंदगी !

हम अच्छे 
पलो को 
दफ़न कर
 आते हैँ और 
बुरे वक़्त के 
बोझ को 
उठाए फिरते हैँ 
काँधो पे !!

- सीमा 

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