Friday, July 17, 2015

किसी बहाने से



वो मिलती रही उसे 

पत्तो में ,

फूलो में ,

बादलो में ,

शोख हवाओ में ,

हिरणी की  चाल में ,

तितलियों के रंगो में 

वो कब तन्हा रहा 

कि वो हर वक़्त 

उसे एहसास 
दिलाती रही कि 
इश्क़ इसी को 
कहते है !!

हाँ , आजकल 
हर पल 
वो रहती है 
 आसपास 

किसी बहाने  से  !!

- सीमा 






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