Friday, July 31, 2015

आओ दर्द सांझा कर लें



एक अंजाना सा दर्द 
अक्सर दवाब 
डालता है मेरे दिल पे 
उस दर्द का कोई 
नाम ,पता नहीं !

कुछ दिनों पहले 
तुमने अपना उदास 
चेहरा रखा था मेरी 
गोद मे और 
मेरे लाख पूछने पे भी 
तुम कुछ ना कह  पाए !

पर दबे पाँव
 तुम्हारा  दर्द 
समा  गया था 
मेरे दिल में !

हाँ ,तभी से
 मैं भी रहने लगी 
हूँ गुमसुम !

आओ हम दर्द 
साँझा कर लें !
गम को बाँट कर 
अाधा - आधा कर लें !!

- सीमा 

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