Sunday, October 19, 2014

     शुभ दीपावली
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चलो फिर से घरौंदे बनाते हैं ,

दीवाली की रौनक बढ़ाते हैं । 

छोटी छोटी खुशियो में खुश हो के 

उमंगो के नए दीप जलाते हैं । 

नमक ,तेल ,ईंधन से दूर हट के 

मिटटी ,बालू से हाथ मिलाते हैं ।

छोटे टेबल ,छोटे सोफों को जोड़ के 

फिर से अपना अड्डा जमाते हैं । 

अपने बेटे, बेटियो को चलो  पुराने 

रस्मो से मिलना जुलना सिखाते हैं । 

चलो फिर से घरौंदे बनाते हैं ,

दीवाली की रौनक बढ़ाते हैं । । 

सीमा श्रीवास्तव 

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