एक टूटे हुए आईने में मुझे सच्ची तस्वीर दिखी!
आईना जब टूटता है तो हम उसे दूर फेंक आते हैं पर हम अपनी टूटन अपने किरचों के साथ ही जीते रहते हैं! ना जाने अपने भीतर कितने किरचों को छुपाकर रखते हैं हम! — सीमा
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