मैं रोज
खुद के
गुणों को
बेहतर करने की
कोशिश करती हूँ।
खुद के
गुणों को
बेहतर करने की
कोशिश करती हूँ।
दुनिया रोज फटे में
टाँग अड़ाती है ।
टाँग अड़ाती है ।
इस दुनिया ने
सदियों से बरकरार
रक्खा है अपने गुणों को ।
रक्खा है अपने गुणों को ।
- सीमा
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