Thursday, February 11, 2016

चाकलेट डे

चाकलेट डे

जिन्हें हम
भूल नहीं पाते
वो अपने होने का
एहसास बखूबी 
देते रहते हैं
कल चाकलेट डे
ही देखो ना
बीते साल की
वो मधुर एहसास को
घोल गया ।
और साथ ही
छोड़ गया
तुम्हारे पास ना
होने की कड़वाहट ।
- सीमा
(रचनाएँ बहुत कुछ कहती है, कभी अपनी ,कभी आसपास की,,,,,,जरूरी नहीं कि हर अफ़साना अपना हो)

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