Monday, August 25, 2014

जुगाड़

(1)

रोज करते रहो

खुशियो का जुगाड

जिन्दा रहने के लिए

खुद से करो प्यार

(2)

चलो हौसले का

एक पूल बनाये

गम के दरिया के

ऊपर से गुजर जाये

सीमा श्रीवास्तव

2 comments:

  1. बहुत खूब .जाने क्या क्या कह डाला इन चंद पंक्तियों में

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