Wednesday, August 13, 2014

बादल

खुशियाँ जाने कहाँ
खो जाती है ?
क्या ये भी
 चल देती है
बादलो की  तरह
कहीं और बरस जाने ?
तो फिर खुश हूँ मैं
इस बात से कि
कहीं तो हो रही है
बारिश खुशियो की

सीमा श्रीवास्तव

1 comment:

  1. ............. अनुपम भाव संयोजन

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