Wednesday, April 19, 2017

खुशबू

तुम अक्सर मुझे अकेला छोड़ देते हो
किनारों पर
और मैं बह कर तुम्हारे पास चली आती हूँ
कि तुम्हारा हर पता मालूम है मुझे!
कि तुम्हारी खुश्बू मेरे पास ही रहती है
और वो  हाथ पकड़ कर मुझे
पहुँचा देती है तुम तक!
मुझे पता है इसे पढ़ने के बाद
एक फीकी सी मुस्कान होगी
तुम्हारे लबों पे और
इसी मुस्कान पर मैं
मर - मिटती हूँ हर बार ॥

- सीमा

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