Monday, August 17, 2015

नदियाँ


नदियाँ बहा कर
लाती हैं अपने साथ बालू
उन्हें पता होता है कि
हर इंसान को
रखनी पड़ती है
एक मकान की नींव ,
हर किसी को
 होती है!
एक छत की
जरूरत !
सागर मे
मिलने से पहले
वो कितने इंतजामात
कर जातीं हैं !

ये नदियाँ
लहरें  बनके
फिर भी
लौट ,लौट के
आती हैं !!


- सीमा

No comments:

Post a Comment