मै बहुत बार
भाग आती हूँ
उस बैठकी से
उठकर
जहाँ चलती रहती है
बदलाव की बातें
जानती हूँ कुछ भी
बदलने वाला नहीं !!
राजनीति की उठापटक
और नेताओ के
भाषणो के बीचसे भी
निकल आती हूँ कि
यहाँ भी कुछ सुधरने वाला नहीं !!
सास,बहु ,काम वालियों के
किस्से भी नहीं खीचते अब मुझे !
मै आ बैठती हूँ
छोटे ,छोटे बच्चो के बीच ,
गले मिलती हूँ
उन किशोरियों से
जो खुल के सांस लेती हैं
और हमें भी
जीना सिखाती हैं !
मै अपनी सारी
परेशानियों को झटक
हँसती ,बोलती हूँ
बच्चो के साथ
कि ये ही हमारे
भविष्य हैं ,
ये ही हमारे वर्तमान !!
- सीमा
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