Wednesday, August 12, 2015

खुल के जीना



अपने भीतर एक 
तूफ़ान दबाकर वो 

हवाओं को 
सिखाती थी 
आहिस्ता चलना !!

काँटो को उखाड़ के 
फूलो को 
कहती थी  वो 
खुल के जीना !!

- सीमा 


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