Seema Kee Lekhanee
Thursday, March 5, 2015
प्रीत की चुनर
जब,जब ओढ़ू ,
प्रीत की चूनर
मन ये झूमें
जैसे
झूमर।
इतराऊँ पढ़
प्रेम की पाती ,
मन ही मन
रहूँ मुस्काती !
दिल मे धक -धक ,
मन में हलचल
याद मुझे तुम आते
हर पल !!
सीमा
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