Saturday, July 1, 2017

चुप्पियाँ

यूँ ही रोज अपनी चुप्पियाँ छोड़ जाते हो तुम
और मैं उससे जिंदगीं के अर्थ निकाला करती हूँ
तुम्हारा होना ना होना मेरे मन की चंचलता है
तुम जो नहीं  कहते वो सुन लेती हूँ मैं
तुमने जो सोचा भी नहीं वो मेरी ख्यालों में होता है
मैं हर बार तुमसे दो कदम आगे रहती हूँ
मैं हर दिन खुद से ज्यादा तुमको जीती हूँ!
- सीmaa

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