Thursday, April 14, 2016

बादल और नदी

वो बादल था , वो थी एक नदी !
जब - जब बरसता बादल नदी इतराती , अपना विस्तार पाती !
फिर कुछ दिनों तक बादल बरसा ही नहीं !
नदी उदास रहने लगी
बादल भी बरसना चाहता था पर वो मजबूर था !
कि बारिशो के मौसम जा चुके थे ! बादल को लौटना था अपने गाँव वो उदास मन से निकल चुका था 
नदी शांत हो गयी थी ! कुछ दिन तड़पने के बाद !
मौसमो का आना -जाना यूँ ही लगा रहता है !
दोनों यह समझ चुके थे ! (बादल और नदी दोनों समझदार थे )
- सीमा

No comments:

Post a Comment