कहो आज क्या लिखूँ?
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कहो आज क्या लिखूँ?
मन में पसरा खालीपन लिखूँ
या तुम्हारे प्रेम की घनी छाँव लिखूँ ।
उम्मीदों से भरे दिन -रात लिखूँ
या वीरानियों से उपजी शाम लिखूँ।
अपनी दबी सी हँसी में छिपे
एहसास लिखूँ या
तुम्हारी खिलखिलाहटों में छुपे
जिंदगी के राज लिखूँ।
सोचती हूँ मैं कुछ ना लिखूँ
बस बारम्बार तुम्हारा
नाम लिखूँ।
-सीमा
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कहो आज क्या लिखूँ?
मन में पसरा खालीपन लिखूँ
या तुम्हारे प्रेम की घनी छाँव लिखूँ ।
उम्मीदों से भरे दिन -रात लिखूँ
या वीरानियों से उपजी शाम लिखूँ।
अपनी दबी सी हँसी में छिपे
एहसास लिखूँ या
तुम्हारी खिलखिलाहटों में छुपे
जिंदगी के राज लिखूँ।
सोचती हूँ मैं कुछ ना लिखूँ
बस बारम्बार तुम्हारा
नाम लिखूँ।
-सीमा
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ReplyDeletePrint on Demand India
सुन्दर
ReplyDeletedhanywaad..
DeleteThank u
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