बहता हुआ पानी ,
किनारों पर बिछे
बेतरतीब पत्थर।
उन पत्थरो पर
दौड़ते भागते
जा बैठते है हम ,
एक सुन्दर दृश्य के साथ
लेने को तस्वीर।
पत्थरों पे बैठा इंसान
बिलकुल अलग दिखता है
पत्थरों से ,
हॉ.., इंसान हाड मांस का पुतला है
पत्थर नही !!
पर ये तो सतही फर्क है ना !!
भीतर झाँक कर देखना जरा
कितनों के ही दिल
पत्थर के बने दिख जायेँगे !!
सीमा श्रीवास्तव
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