Wednesday, October 14, 2015

चीख

नहीं मिल पा रही वो खुशी
जितनी जिंदगी को जिए जाने
के लिए चाहिए ।
बाहर से आने वाली
कुछ चीखें
घर के खाली बर्तनों में
समा गई है!
दीवार की दरारों में
घुस गईं हैं।
कि रक्त सबका एक
सा ही होता है और
मेरे रक्त ने मुझे
भेदभाव करना नहीं
सिखाया
इसलिए हर बार
किसी की चीख
मुझे दर्द देजाती है
और रोज ही कुछ
घंटों का मौन रहता है
मेरे साथ !!

- सीमा

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