Sunday, February 8, 2015

रौनक



चलो डंठलो से ,उतार लाए गुलाब 
कि अपनी महबूबा के
जुल्फों मेँ इन्हें लगाना है !!

चलो निकलते हैं शिकार पे 
कि  दीवारों को सुन्दर 
खालों से सजाना है !!

उजाड़ के किसी का आँगन 

अपनी खुशियो में इजाफा कर लें ,

किसी तरह भी अपने  घरों   की 

रौनक को बढ़ाना है !!

सीमा श्रीवास्तव 


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