Seema Kee Lekhanee
Tuesday, February 24, 2015
महफिल
बहुत सोच समझ कर
अब मुस्कुराना पडता है
उनकी महफिल में दिल को बहुत
समझाना पडता है!!
जाने कौन सी बात को वो
दिल से लगा बैठे,
लफ्जों को परदों में अब तो
छुपाना पडता है !!
- सीमा श्रीवास्तव
2 comments:
प्रभात
February 24, 2015 at 6:26 PM
अच्छी रचना .....बधाई!
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Unknown
February 24, 2015 at 6:29 PM
धन्यवाद...प्रभात जी..
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अच्छी रचना .....बधाई!
ReplyDeleteधन्यवाद...प्रभात जी..
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