सुबह चिड़िया उठती है
सब की खिड़की पर
ठक - ठक करती,
हाल - चाल लेती,
निश्चिंत करती खुद को
किसी पेड़ की टहनी पर
बैठ जाती है.
आदमी,वृक्ष, धरती
सब सुरक्षित रहें
वह मन ही मन
मनाती है.
बचा रहे प्रेम
भरोसा, उम्मीद
वह मन ही मन
सोचती है!
- सीmaa
Sunday, September 24, 2017
चिड़िया
Sunday, September 10, 2017
तन्हाई
अच्छा है कि तुम मेरी हर जिद्द पूरी नहीं करते,
अच्छा है कि मेरे हर सवाल को
अटका कर छोड़ देते हो तुम
मैं लौट कर खुद के पास आ जाती हूँ और
मेरी तन्हाई में मुझे मिल जाता है सब कुछ!
- सीmaa
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