पेड़ यूँ ही एक दिन मे बड़े नहीं होते ,
वो रोज सोखते हैं पानी ,
सैकतें हैं धूप ,
मिट्टी में गहराई तक उतरते रहते हैं
थोड़ा - थोड़ा रोज बढ़ते रहते है ।
पेड़ यूँ ही एक दिन में खड़े नहीं होते ।
किसी ने बहुत प्यार से इन्हे
लगाया होता है
यह सोचकर कि एक दिन ये पेड़ बनेगे ।
इन पेड़ो को देख के
कितना सुकून मिलता है ना !
ये हरे -भरे पेड़
एक दिन में खड़े नहीं होते
पर इन्हे काटने के लिए
काफी होता है
एक दिन !
उफ़ ! लोग क्यों भूल जाते हैं
कि पेड़ो को हम नहीं
पेड़ हमें हरा - भरा रखते हैं !!
- सीमा