Seema Kee Lekhanee
Saturday, February 28, 2015
प्रेम में
वो हिम सा पिघल रहा था प्रेम में,
वो नदियों सी बहती जा रही थी..
वो पत्थर से बन चुका था मोम,
वो लौ सी जलती जा रही थी !!
- सीमा श्रीवास्तव
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