Seema Kee Lekhanee
Monday, September 22, 2014
रिश्ते
रिश्ते
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बहुत सहलाया कुछ
रिश्तो को हमने
समेट लिया हाथो को
जब ये दुखने लगे
अपनी नींद भी तो
पूरी करनी है सीमा
छोड़ो अब दूसरे
सोये या जगे!
सीमा श्रीवास्तव
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